
सीकर की धरती शिक्षा और खेल दोनों ही क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाती रही है। इसी कड़ी में स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान भढ़ाडर, जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग एन.एच. 52 पर स्थित है, ने एक बार फिर अपनी धमाकेदार जीत दर्ज कर खेलों की दुनिया में तहलका मचा दिया है। यह उपलब्धि किसी एक प्रतियोगिता तक सीमित नहीं है बल्कि अलग-अलग खेलों में इस संस्थान के खिलाड़ियों ने जिस जुझारूपन और आत्मविश्वास का परिचय दिया है, वह प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है। हालिया परिणामों में संस्थान के फुटबॉल और हैंडबॉल खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी मजबूती से प्रदर्शन किया है कि उनका नाम अब लगातार खेल जगत की सुर्खियों में शामिल हो गया है।
सीबीएसई नेशनल फुटबॉल गेम्स का आयोजन भोपाल में चल रहा है, जिसमें स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान की अंडर 17 छात्र टीम ने शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। टूर्नामेंट के शुरुआती मैचों में ही टीम का आत्मविश्वास झलक रहा था। खिलाड़ियों ने मैदान पर जिस तरीके से तालमेल और रणनीति का बेहतरीन प्रदर्शन किया, उसने दर्शकों को प्रभावित किया। टीम ने सबसे पहले ओमान की टीम को कड़े मुकाबले में 2-0 से हराकर अपनी जीत का सफर शुरू किया। इस जीत ने खिलाड़ियों का हौसला और भी बुलंद कर दिया। उसके बाद टीम का मुकाबला आलमगढ़ पब्लिक स्कूल, केरल से हुआ। यह मैच काफी रोमांचक रहा, क्योंकि दोनों टीमों ने आक्रामक खेल दिखाया। हालांकि अंत में केशवानंद फुटबॉल टीम ने जबरदस्त संयम और नियंत्रण दिखाते हुए 1-0 से जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई।
यह उपलब्धि केवल स्कोर मात्र से नहीं मापी जा सकती। खिलाड़ियों के खेल कौशल, उनकी रणनीति और कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखने की क्षमता ने ही उन्हें यहां तक पहुंचाया। केशवानंद संस्थान के प्रशिक्षकों ने लंबे समय से खिलाड़ियों को अनुशासन और दृढ़ता का पाठ पढ़ाया है, जिसका परिणाम अब पूरे देश के सामने है। मैदान पर खिलाड़ियों का समर्पण और अनुशासन इस बात का सबूत है कि जीत केवल शारीरिक ताकत से नहीं बल्कि मानसिक मजबूती से भी हासिल होती है।
इसी दौरान हैंडबॉल का अंडर 14 छात्र वर्ग राष्ट्रीय खेल श्रीगंगानगर में आयोजित किया जा रहा है। यहाँ भी स्वामी केशवानंद संस्थान ने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया है। शुरुआती मैच में संयुक्त अरब अमीरात की टीम को पराजित करने के बाद, खिलाड़ियों ने जो आत्मविश्वास हासिल किया, उसने उन्हें आगामी मैचों में और अधिक धमाकेदार प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी। दूसरा मुकाबला विवेकानंद स्कूल कर्नाटक से हुआ जहाँ केशवानंद के खिलाड़ियों ने शानदार तालमेल और तेज गति का खेल दिखाते हुए 12-5 से जीत हासिल की। यह मुकाबला दर्शकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं था क्योंकि हर गोल के साथ खेल का उत्साह बढ़ता गया।
इसके बाद टीम ने आर्मी पब्लिक स्कूल दिल्ली कैंट का सामना किया। यह मुकाबला शुरू से ही सख्त चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था, क्योंकि आर्मी स्कूल की टीम अपने फिटनेस और अनुशासन के लिए जानी जाती है। लेकिन भढ़ाडर की युवा प्रतिभाओं ने खेल मैदान में जिस आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन किया, उसने विरोधी टीम को संघर्ष में डाल दिया। परिणामस्वरूप इस मुकाबले में भी केशवानंद के खिलाड़ियों ने 15-7 के बड़े अंतर से जीत दर्ज कर अपनी जीत की गूंज पूरे मैदान में भर दी। इस तरह हैंडबॉल टीम सेमीफाइनल में पहुंचकर एक बार फिर साबित कर दी कि संस्थान हर खेल में अपना परचम लहराने की क्षमता रखता है।
यह बात गर्व की है कि स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान ने इस खेल सत्र में अब तक 32 चैंपियनशिप अपने नाम की हैं। यह आंकड़ा सिर्फ कोई संख्या नहीं बल्कि मेहनत, अनुशासन, पसीना और वर्षों की तैयारी का प्रतीक है। किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए यह उपलब्धि बेहद बड़ी है। इससे यह संदेश भी स्पष्ट होता है कि शिक्षा और खेल साथ-साथ चल सकते हैं और यदि सही दिशा और प्रशिक्षण मिले तो ग्रामीण एवं अर्धशहरी क्षेत्र के बच्चे भी राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का सफर तय कर सकते हैं।
संस्थान की इस उपलब्धि ने सीकर का नाम देश की खेल मानचित्र पर और ज्यादा चमका दिया है। खासकर ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चे जब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, तो यह समाज के लिए प्रेरणादायी उदाहरण बन जाता है।
इस अभूतपूर्व सफलता पर स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान के निदेशक रामनिवास ढाका, चेयरमैन सुरेंद्र सिंह और सह निदेशक गोपाल सिंह ने सभी खिलाड़ियों एवं खेल प्रशिक्षकों को बधाई प्रेषित की है। उन्होंने कहा कि यह जीत खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण का परिणाम है। प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन और संस्थान की खेल नीति ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका स्पष्ट कहना है कि खेल केवल जीत-हार का नाम नहीं बल्कि आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और टीमवर्क का पाठ पढ़ाते हैं। यही जीवन के बड़े लक्ष्यों को पाने की असली कुंजी है।
उनके अनुसार, बच्चों ने देशभर में संस्थान का नाम रौशन किया है और यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रबंधन का यह मानना है कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में अवसर मिलना चाहिए ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। यही कारण है कि संस्थान हमेशा से खेल गतिविधियों पर विशेष ध्यान देता आया है।
सीकर जिला हमेशा से ही शिक्षा और प्रतिभाओं की धरती रहा है। यहाँ की मिट्टी से अनेक IAS, IPS अधिकारी निकले हैं, और अब खिलाड़ी भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। केशवानंद संस्थान जैसी संस्थाओं की भूमिका इस दिशा में अत्यंत सराहनीय है। जब बच्चे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज करते हैं तो न केवल संस्थान बल्कि पूरा सीकर और राजस्थान गौरवान्वित महसूस करता है।
खेलों में मिली यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। आज जब बच्चे मोबाइल और टीवी में समय व्यर्थ कर रहे हैं, तब केशवानंद जैसे संस्थानों की खेल उपलब्धियां उन्हें यह संदेश देती हैं कि मेहनत, अभ्यास और अनुशासन से कुछ भी असंभव नहीं है।
भढ़ाडर, सीकर स्थित स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान ने यह साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन, उत्तम प्रशिक्षण और अनुशासन के साथ ग्रामीण परिवेश का छात्र भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमा सकता है। फुटबॉल और हैंडबॉल दोनों ही खेलों में सेमीफाइनल तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं है। इसके पीछे बच्चों की मेहनत, प्रशिक्षकों का समर्पण और प्रबंधन का सतत सहयोग है।
आने वाले समय में जब ये टीमें फाइनल में प्रवेश करेंगी और चैंपियनशिप जीतेंगी, तब यह केवल संस्थान की नहीं बल्कि पूरे सीकर जिले और राजस्थान की जीत होगी। आज केशवानंद खिलाड़ियों की कामयाबी से हर नागरिक का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है। इनके जज्बे को देखकर यही विश्वास जागता है कि कल किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी ये खिलाड़ी तिरंगा लहराते नजर आएंगे।