सीकर जिले के चैनपुरा दादली में भूमि विवाद से खूनी संघर्ष, चचेरे भाई पर ताबड़तोड़ हमला
ड्यूटी से लौटते समय नकाबपोश हमलावरों ने घेरकर किया जानलेवा वार, घायल युवक अस्पताल में भर्ती; आरोपियों पर हत्या के प्रयास सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज**

सीकर जिले के समीपवर्ती ग्राम चैनपुरा दादली में एक बार फिर जमीनी विवाद ने खूनी रूप ले लिया। गुरुवार तड़के करीब 3:45 बजे गांव में अचानक तब सनसनी फैल गई, जब एक युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने ही चचेरे भाई पर लाठी-डंडों और धारधार हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही परिजन घायल को तुरंत श्री कल्याण राजकीय अस्पताल, सीकर लेकर पहुंचे, जहां गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू कर दिया। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोग खुलेआम सवाल उठा रहे हैं कि आखिर बार-बार प्रशासन को सुरक्षा की गुहार लगाने के बावजूद किसी भी प्रकार की ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए। इस प्रकरण ने एक बार फिर से सीकर जिले में भूमि विवादों से जुड़े हिंसक घटनाक्रमों पर कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।घायल युवक के भाई और मुकदमा दर्ज करवाने वाले शिकायतकर्ता मुकेश कुमार पुत्र रामलाल मेहरिया निवासी चैनपुरा दादरी ने उपचार के दौरान पुलिस के सामने घटना का पूरा ब्यौरा दिया। मुकेश कुमार ने बताया कि वह गुरुवार तड़के अपनी ड्यूटी से वापस लौट रहा था। गांव के पास पहुंचते ही अचानक उसके चचेरे भाई विकास और उसके साथ आए कुछ नकाबपोश व्यक्तियों ने उसे घेर लिया। मुकेश ने कहा, *”हमलावरों ने बिना कुछ कहे मेरे भाई पर बेरहमी से प्रहार करने शुरू कर दिए। सिर, हाथ और शरीर पर लगातार डंडों और हथियारों से वार किए गए। इतने प्रहार हुए कि उसका सिर फूट गया और वह वहीं गिर पड़ा। उसके शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें आईं। परिजनों ने तुरंत घायल को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां गंभीर स्थिति देखते हुए उसे सीकर के श्री कल्याण राजकीय अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहाल पीड़ित की हालत स्थिर बताई जा रही है दादिया थाना अधिकारी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और प्रारंभिक जांच शुरू की। पीड़ित के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 126 (2), 115 (2), 307 तथा 3 (5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें से धारा 307 हत्या के प्रयास जैसी गंभीर श्रेणी में आती है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच के अनुसार यह मामला जमीनी विवाद से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। थाना अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के प्रयास में जुटी हुई हैं। कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी जल्द संभव है। गांव के स्थानीय लोगों के अनुसार, यह विवाद नया नहीं है। पीड़ित पक्ष और आरोपियों के बीच पिछले कई वर्षों से जमीन के बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही थी। कई बार पंचायत स्तर पर समझौते के प्रयास हुए, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। पीड़ित ने प्रशासन को इस संबंध में पहले भी ज्ञापन देकर अपनी और अपने परिवार की जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी। लोगों का कहना है कि अगर उस समय सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाती तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था। घटना के बाद चैनपुरा दादरी गांव में तनाव व्याप्त है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने लापरवाही बरती है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि भूमि विवाद वर्षों से गांव में तनाव का कारण बने हुए हैं। कई बार पहले भी झगड़े होते रहे हैं, लेकिन इस तरह का जानलेवा हमला पहली बार हुआ है। एक ग्रामीण ने बताया कि *”हमने कई बार अधिकारियों को कहा कि गांव में विवाद बढ़ रहा है। अगर समय रहते पुलिस सख्ती से कार्रवाई करती तो आज एक निर्दोष युवक को इस हालत में अस्पताल में नहीं होना पड़ता।”* इस घटना ने एक बार फिर से ग्रामीण समाज में भूमि विवादों की गंभीरता को उजागर किया है। राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर खेत-खलिहान की जमीन के बंटवारे और सीमांकन को लेकर संघर्ष खड़े हो जाते हैं। कई बार यह झगड़े इतनी भीषणता ले लेते हैं कि परिवार टूट जाते हैं, और हिंसक वारदातें सामने आती हैं। सामाजिक विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसे विवाद केवल कानूनी प्रक्रिया से ही नहीं, बल्कि सामाजिक समझदारी से भी हल किए जा सकते हैं। अगर पंचायत स्तर पर मजबूत मध्यस्थता की व्यवस्था हो और पुलिस-प्रशासन नियमित निगरानी रखे तो ऐसी घटनाओं की रोकथाम की जा सकती है ग्रामीणों और पीड़ित परिवार के आरोप सीधे तौर पर प्रशासन पर भी हैं। उनका कहना है कि शिकायत और ज्ञापन देने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पीड़ित ने कई बार अपनी सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उसकी अनदेखी की गई। स्थानीय नेताओं का कहना है कि प्रशासन को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दिलवाने के लिए मजबूत केस तैयार करना चाहिए फिलहाल पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी लगाया गया है। घायल युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा है और डॉक्टरों का कहना है कि उसे पूरी तरह स्वस्थ होने में समय लग सकता है। परिजनों ने मांग की है कि आरोपी जल्द से जल्द गिरफ्तार हों और पीड़ित को न्याय दिलाया जाए।चैनपुरा दादरी की यह घटना केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में फैले भूमि विवादों और प्रशासनिक लापरवाही का आईना है। यह त्रासदी सवाल उठाती है कि आखिर कब तक लोग छोटे-छोटे विवादों के कारण खून बहाते रहेंगे और प्रशासन केवल रिपोर्ट दर्ज करने तक ही सीमित रहेगा।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है और अब ग्रामीणों की यही मांग है कि न्याय त्वरित और कठोर हो। तभी भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा।