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**साधना सेठी को मिली स्वदेशी जागरण मंच की जिला महिला प्रमुख की जिम्मेदारी**

भारतीय मजदूर संघ की सहमंत्री रहकर भी दे चुकी हैं सेवाएं

साधना सेठी को स्वदेशी जागरण मंच की नई जिला महिला प्रमुख की जिम्मेदारी हाल ही में सौंपी गई है। यह पदभार उन्हें स्वदेशी जागरण मंच के लोकेंद्र सिंह नरूका और सीकर जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह की अनुशंसा पर दिया गया है। साधना सेठी लंबे समय से संघ के विभिन्न मंचों पर सक्रिय रही हैं और सामाजिक कार्यों में उनकी निरंतरता व समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है।

यह नियुक्ति न केवल संगठन के लिए एक बड़ा निर्णय है बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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साधना सेठी का नाम संगठन सेवा, महिला सशक्तिकरण और स्वदेशी विचारों के प्रति उनकी निष्ठा के कारण जाना जाता है। वह पहले भी भारतीय मजदूर संघ की सहमंत्री रह चुकी हैं और मजदूर वर्ग के अधिकारों व उत्थान के लिए संघर्षरत रही हैं। उनके कार्यकाल में मजदूर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने, आत्मनिर्भर बनाने और सामाजिक न्याय दिलाने के कई प्रयास किए गए।
स्वदेशी जागरण मंच से पहले भी वह जुड़ी रही हैं और मंच की विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्होंने महिला वर्ग को आर्थिक व सामाजिक रूप से मज़बूत बनाने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जब अपने विभिन्न संगठनों में जिम्मेदारियों का वितरण करता है, तो यह केवल पद वितरण नहीं होता बल्कि उस व्यक्ति की कार्यशैली, उसकी सामाजिक पकड़ और उसकी वैचारिक गहराई को देखते हुए निर्णय लिया जाता है। साधना सेठी की नियुक्ति भी इसी सोच का परिणाम है।
उनके ऊपर यह विश्वास जताया गया है कि वह महिलाओं के बीच स्वदेशी विचारधारा को गहराई से पहुँचाएंगी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

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साधना सेठी ने लगातार महिला स्वरोजगार प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। उनके प्रयासों से कई महिलाओं को छोटे-छोटे उद्योग, कुटीर उद्योग और स्वरोजगार योजनाओं से जोड़कर न केवल आर्थिक आज़ादी दिलाई गई, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास को भी मज़बूत किया गया।
उन्होंने विभिन्न शिविरों, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए सिलाई-कढ़ाई, हस्तशिल्प, गृह उद्योग, लघु उत्पादन और स्वरोजगार से जुड़े कार्यों में महिलाओं को प्रशिक्षित किया। इससे ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों की महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकीं।

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साधना सेठी की नियुक्ति की खबर मिलते ही जिले के अनेक महिला संगठनों ने उन्हें बधाई प्रेषित की। इन संगठनों का कहना है कि साधना सेठी जैसी कार्यकर्ता के हाथों में यह जिम्मेदारी देना सही मायनों में महिला सशक्तिकरण की जीत है।
महिला संगठनों का विश्वास है कि उनके नेतृत्व में महिलाओं की सहभागिता और संगठन के कार्य और अधिक मज़बूत होंगे। कई महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि साधना दीदी ने हमेशा सभी वर्गों की महिलाओं को आगे बढ़ाने और समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने की दिशा में कार्य किया है।

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नियुक्ति के बाद साधना सेठी ने घोषणा की कि वह शीघ्र ही अपनी महिला कार्यकारिणी समिति का गठन करेंगी। इस कार्यकारिणी के माध्यम से जिला स्तर पर गाँव-गाँव जाकर स्वदेशी के महत्व को समझाया जाएगा।
उनकी योजना है कि महिलाएं न केवल स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग को बढ़ावा देंगी, बल्कि उनके निर्माण और प्रसार में भी सक्रिय भागीदारी निभाएंगी।
स्वदेशी को केवल नारा नहीं मानकर, जीवन का हिस्सा बनाने के लिए वह महिलाओं को उद्यमिता, स्वरोजगार और स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री जैसे कार्यों से जोड़ेंगी।

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स्वदेशी जागरण मंच का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपराओं, अर्थव्यवस्था और संस्कृति को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना है। साधना सेठी का मानना है कि यदि महिलाएं इस दिशा में अग्रसर होती हैं तो समाज और परिवार को स्वदेशी की ओर मोड़ना बेहद सहज हो जाएगा।
भारतीय संस्कृति में महिला को “शक्ति” और “धैर्य” का प्रतीक माना गया है, ऐसे में महिलाओं के नेतृत्व में स्वदेशी आंदोलन को अधिक बल मिलेगा।

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साधना का कार्यक्षेत्र केवल संगठन तक ही सीमित नहीं रहा है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में भी कई कार्य किए हैं।
– शिक्षा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना।
– स्वास्थ्य के क्षेत्र में नारी स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन।
– दहेज प्रथा, बाल विवाह और नशा मुक्ति जैसे अभियानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना।
इन सब कार्यों ने उन्हें जनता के बीच एक सशक्त सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित किया है।

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भारतीय मजदूर संघ की सहमंत्री रहते हुए साधना सेठी ने मजदूर वर्ग की कठिनाइयों को नज़दीक से देखा और महसूस किया। मजदूर वर्ग की महिलाएं जिन समस्याओं से जूझ रही हैं, उन्हें हल करने के लिए उन्होंने स्थानीय स्तर पर ठोस कदम उठाए।
उन्होंने मजदूर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया, बचत समूहों से जोड़ा और शिक्षा साक्षरता मिशनों में शामिल कराया। यह अनुभव उन्हें स्वदेशी जागरण मंच में और अधिक प्रभावी कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।

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यह नियुक्ति न केवल संगठनात्मक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और राजनीतिक नजरिए से भी महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में, जब देश “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब महिलाओं की भूमिका निर्णायक होगी।
साधना सेठी का यह नेतृत्व आने वाले समय में जिले में महिलाओं को स्वदेशी अपनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में बड़ी क्रांति ला सकता है।

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साधना सेठी की नियुक्ति से स्पष्ट है कि संगठन महिलाओं को केवल सहायक शक्ति नहीं, बल्कि नेतृत्वकारी भूमिका में देखना चाहता है। उनके अब तक के सामाजिक अनुभव, संगठनात्मक कार्यशैली और स्पष्ट दृष्टिकोण उन्हें एक सफल जिला महिला प्रमुख के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
स्वदेशी जागरण मंच की यह पहल समाज में महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने और स्वदेशी संस्कृति को गाँव-गाँव तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
जिले के महिला संगठन और समाज उनसे बड़ी अपेक्षाएँ रखता है। साधना सेठी ने अपने वक्तव्य में बताया है कि “यह जिम्मेदारी केवल मेरे लिए नहीं है, बल्कि जिले की हर महिला की शक्ति, विश्वास और समर्थन का प्रतीक है। मैं इसे पूरे समर्पण के साथ निभाऊंगी और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ूँगी।”

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यह विस्तृत विवरण साधना सेठी की नियुक्ति, उनके अब तक के कार्य, आने वाली योजनाओं और स्वदेशी आंदोलन में उनकी भूमिका को स्पष्ट करता है। इस तरह उनकी यह नई भूमिका महिला शक्ति और स्वदेशी विचारधारा के संगम का प्रतीक बनकर उभर रही है।

 

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