
सीकर नगर परिषद के नियुक्त ठेकेदार द्वारा दुकानों के बाहर लगने वाले नाम प्रदर्शित के बोर्डो पर जबरन वसूली शुरू करने के साथ ही व्यापारियों का विरोध भी शुरू हो गया है। पिछले 2-3 दिनों से स्टेशन रोड व मार्केट में स्थित दुकानों पर जब नोटिस पहुंचना स्टार्ट हुए तो सीकर उद्योग व व्यापार महासंघ के नेतृत्व में व्यापारियों ने आज शाम 4:00 बजे तुरंत एक मीटिंग बुलाई जिसमें इस दौरान संजीव नेहरा, अरुण फागलवा, देवकीनंदन पारीक, सुनील कुलहरी, अभिषेक मोर, रुपाराम शेषमा, प्रेम प्रकाश वर्मा, विकास ढाका, मुकेश, मनीष बियानी, लोकेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, राघव बियानी, दीपक बियानी, आलोक बियानी आदि उपस्थित रहे।मीटिंग में तय किया गया की ब्रांड के नाम के बिना दुकान किस चीज की है यह पता नहीं लगता इसलिए बोर्ड लगाना जरुरी है। व्यापारियों ने तय किया कि यह काला कानून पहले भी लाया गया था और उस समय भी इसका व्यापार वर्ग द्वारा पुरजोर विरोध प्रदर्शन हुए थे पुनः वही कानून ठेकेदारी फर्म के द्वारा लाया गया है जो सरासर गलत है, अगर नगर परिषद इसको तुरंत वापस नहीं लेता है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इस मीटिंग में सभी व्यापारियों ने एक राय होकर यह निर्णय लिया कि इस काले कानून का विरोध करने के साथ कोई भी व्यापारी ठेकेदार द्वारा दिए जा रहे नोटिस को स्वीकार नहीं करेगा तथा इस संबंध में ना ही कोई टैक्स जमा कराएगा। व्यापारियों का प्रतिनिधित्व मंडल जल्द ही नगर परिषद प्रशासन से मिलकर इस काले कानून को खत्म करने की मांग करेगा और अगर यह जबर्दस्ती थोपने की कोशिश की गई तो व्यापारी एक जन आंदोलन खड़ा करेंगे जिसकी जिम्मेदारी नगर परिषद प्रशासन की होगी।